UAE Golden Visa (Nomination) के आधार पर – भारतीयों के लिए बड़ी राहत

UAE golden VISA
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UAE Golden Visa अब नामांकन (Nomination) के आधार पर – भारतीयों के लिए बड़ी राहत

अब भारतीय नागरिकों को UAE का Golden Visa पाने के लिए व्यापार या प्रॉपर्टी में भारी निवेश करने की जरूरत नहीं है।
अब यह वीज़ा सिर्फ नामांकन और फीस देकर प्राप्त किया जा सकता है।

पहले और अब में क्या अंतर है?

पहले का नियमनया नियम (2025)
कम से कम AED 2 मिलियन (₹4.66 करोड़) की प्रॉपर्टी में निवेश जरूरीअब सिर्फ AED 1 लाख (₹23.3 लाख) फीस देकर वीजा मिल सकता है
व्यापार या संपत्ति निवेश ही तरीका थाअब नामांकन (Nomination) से वीजा मिलेगा
प्रॉपर्टी बेचने पर वीजा रद्द हो सकता थानया वीजा लाइफटाइम वैलिड रहेगा
सिर्फ चुनिंदा लोग ही पात्र थेअब भारत और बांग्लादेश के नागरिक भी पात्र हैं

महत्वपूर्ण बातें एक नजर में:

बिंदुविवरण
वीजा प्रकारनामांकन आधारित Golden Visa
फीसAED 1,00,000 (लगभग ₹23.30 लाख)
निवेश जरूरी?नहीं
कौन पात्र है?भारतीय और बांग्लादेशी नागरिक (पहला चरण)
कहां से आवेदन करें?One Vasco सेंटर, रायद ग्रुप पोर्टल, कॉल सेंटर
परिवार को साथ लाने की सुविधाहाँ
वीज़ा की वैधतालाइफटाइम (संपत्ति बिक्री का असर नहीं)
आवेदन प्रक्रियाबैकग्राउंड चेक, नामांकन, फिर UAE सरकार का अप्रूवल

क्या है यह नया Golden Visa?

इस वीज़ा से लाइफटाइम UAE में रहने, काम करने और परिवार लाने की छूट मिलेगी।

UAE सरकार ने नामांकन-आधारित Golden Visa योजना शुरू की है।

भारतीय नागरिक ₹23.3 लाख की एकमुश्त फीस देकर यह वीज़ा प्राप्त कर सकते हैं।

बकग्राउंड चेक में क्या होगा?

यह देखा जाएगा कि आप UAE के बिज़नेस या संस्कृति में किस तरह योगदान दे सकते हैं (जैसे – विज्ञान, व्यापार, स्टार्टअप, कला, इत्यादि)

आपराधिक रिकॉर्ड और मनी लॉन्ड्रिंग चेक

सोशल मीडिया प्रोफाइल की जांच

किन्हें मिलेगा फायदा?
जो UAE में रहना चाहते हैं, परिवार को लाना चाहते हैं।

जिनका उद्देश्य आप निवेश नहीं बल्कि लाइफटाइम अपना कैरियर वहां पर सेट करना है।

मिड-सेगमेंट रियल एस्टेट निवेशक – अब बिना प्रॉपर्टी खरीदे वीजा संभव

भारत-UAE संबंध
भारत और UAE के बीच CEPA समझौता (2022) के बाद संबंध मजबूत हुए हैं।

यह योजना CEPA के तहत एक पायलट प्रोजेक्ट के रूप में भारत और बांग्लादेश से शुरू हो रही है।

क्या कह रहे हैं विशेषज्ञ?

“अब भारतीय निवेशकों को सिर्फ वीज़ा के लिए संपत्ति नहीं खरीदनी पड़ेगी। इससे निवेश व्यवहार ज्यादा समझदारी और लॉन्ग-टर्म होगा।”
आकाश पुरी, डायरेक्टर, Sotheby’s International Realty

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